Destiny, नियति!, Shayari in Hindi (शायरी), Love Shayari
Destiny, नियति!, Shayari in Hindi (शायरी), Love Shayari
आज के दौर पे लोग प्यार तो करते है और प्यार को इजहार करने से पहले या कुछ मेरे लिए नहीं अपने सोच पे तो न कुछ कहे पते है न ही प्यार का उस अहसास को बयां करपाते है। मन ही मन ये सोचते है की वो बहुत मूल्यवान है मैं नहीं या वो मेरा नहीं, या उसको मुझे प्यार नहीं ऐसे एकतरफा प्यार को ऐसे अपने प्रिय को बताती है मन ही मन अपने डेस्टिनी को नियति को दोष देते है। तो आइये कैसे नियति आगे आता है और प्यार हर जाता है जानते है इस शायरी इन डेस्टिनी destini, niyati shayari in hindi
Tujhse ishq bewajha nhi hua
Tujhe chahne ki na jaane kitni wajha mere pass hai
Par khuda ko hua nhi manjoor ye ki tujhe
tujh se jayda chahne wala koi tere pass hai
Chhin liya usne tujhe mujhse ye kah kar Ki
Tujh jaise heere ko taraashne ka hunar na mere pass hai
Hatho ki lakeero se sachi mohabbat ko mita taqdeer ko dosh deta hai
Ye khuda bahut berahm hai ishq ~e~da rog bhi lagata hai or dard~e~judaii bhi deta hai……
तुझे इश्क़ बेवजह नहीं हुआ
तुझे चाहने की कितने वजह मेरे पास है
पर खुदा को हुआ नहीं मंजूर ये की तुझे
तुझे तुझसे चाहने वाला कोई तेरे पास है
छीन लिया तुझे मुझसे यह कहकर की
तुझ जैसे हीरे को तराशने का हुनर न मेरे पास है
हाथों की लकीरो से सच्ची मोहबत को मितः तक़दीर को दोष देता है
ये खुदा बहुत बेरहम है इश्क़-ए-दा रोग भी लगता है और दर्द-ए -जुदाई भी देता है